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शेयर बाजार में हड़कंप: सेंसेक्स 3000 अंक गिरा, टाटा और रिलायंस के शेयरों में भारी गिरावट
- Reporter 12
- 07 Apr, 2025
7 अप्रैल 2025 का दिन भारतीय शेयर बाजार के लिए एक काले दिन के रूप में दर्ज हो गया। बाजार खुलते ही निवेशकों को बड़ा झटका लगा जब बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) का प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स 3000 अंक तक लुढ़क गया। वहीं नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का निफ्टी भी 900 अंकों से ज्यादा की गिरावट के साथ बंद हुआ। इस भारी गिरावट ने निवेशकों की कमाई को मिनटों में खाक कर दिया।
गिरावट का कारण क्या रहा?
इस जबरदस्त गिरावट के पीछे कई घरेलू और अंतरराष्ट्रीय कारण रहे। सबसे प्रमुख कारण अमेरिका की ओर से घोषित नए टैरिफ और वैश्विक बाजारों में उथल-पुथल रहा। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा घोषित कड़े व्यापार प्रतिबंधों ने वैश्विक व्यापार युद्ध की आशंका को हवा दी, जिससे दुनियाभर के बाजारों में हाहाकार मच गया। एशियाई और यूरोपीय बाजारों में गिरावट के बाद भारत भी इसकी चपेट में आ गया।
इसके साथ ही घरेलू मोर्चे पर भी कुछ चिंता की बातें थीं। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा ब्याज दरों में संभावित वृद्धि और महंगाई दर में बढ़ोतरी की आशंका ने निवेशकों की चिंता बढ़ा दी। इसके अलावा चुनावी अनिश्चितता और विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) द्वारा की जा रही भारी बिकवाली ने बाजार को नीचे धकेलने में अहम भूमिका निभाई।
टाटा और रिलायंस को बड़ा झटका
शेयर बाजार में गिरावट की सबसे बड़ी मार देश की दो बड़ी कंपनियों - टाटा समूह और रिलायंस इंडस्ट्रीज - पर पड़ी। टाटा स्टील, टाटा मोटर्स और टाटा पावर जैसे शेयरों में 8% से 12% तक की गिरावट दर्ज की गई। वहीं रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयर भी 6% से अधिक टूट गए। इन दो दिग्गज कंपनियों में गिरावट ने सेंसेक्स और निफ्टी को और नीचे धकेल दिया।
विशेषज्ञों के अनुसार, मेटल सेक्टर और ऑटो सेक्टर पर अमेरिकी टैरिफ का सीधा असर पड़ा है। टाटा स्टील जैसी कंपनियां जो निर्यात पर निर्भर हैं, उनके लिए यह झटका काफी गंभीर है।
निवेशकों के अरबों रुपए डूबे
इस गिरावट का सबसे बड़ा असर खुदरा और संस्थागत निवेशकों पर पड़ा है। शुरुआती आंकड़ों के अनुसार, सोमवार को मात्र कुछ घंटों में निवेशकों के करीब 12 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा डूब गए। शेयर मार्केट की इस तेज गिरावट ने लोगों की पूंजी और आत्मविश्वास दोनों को हिला कर रख दिया।
क्या आगे भी गिरावट जारी रहेगी?
बाजार विश्लेषकों की मानें तो यह गिरावट एक झटका जरूर है, लेकिन अभी पैनिक सेलिंग का दौर समाप्त नहीं हुआ है। अगर अमेरिकी टैरिफ और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अस्थिरता बनी रही तो भारतीय बाजारों में और गिरावट देखने को मिल सकती है। हालांकि, लंबी अवधि के निवेशकों को सलाह दी जा रही है कि वे घबराएं नहीं और सोच-समझकर ही कोई निर्णय लें।
कोटक सिक्योरिटीज के वरिष्ठ विश्लेषक विकास मेहता का कहना है, "बाजार में इस तरह की गिरावट डरावनी जरूर होती है, लेकिन यह दीर्घकालिक निवेशकों के लिए खरीदारी का मौका भी बन सकती है। ऐसे समय में मजबूत फंडामेंटल वाली कंपनियों में निवेश करना एक समझदारी भरा कदम हो सकता है।"
कौन-कौन से सेक्टर सबसे ज्यादा प्रभावित?
इस गिरावट में सबसे ज्यादा असर मेटल, ऑटो, बैंकिंग और आईटी सेक्टर पर पड़ा है।
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मेटल स्टॉक्स: टाटा स्टील, JSW स्टील, SAIL
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ऑटो स्टॉक्स: टाटा मोटर्स, महिंद्रा, मारुति
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बैंकिंग स्टॉक्स: HDFC Bank, ICICI Bank, SBI
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आईटी स्टॉक्स: TCS, Infosys, Wipro
क्या करें निवेशक?
इस समय निवेशकों को घबराने की बजाय सतर्कता बरतने की जरूरत है।
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अपनी दीर्घकालिक योजना पर टिके रहें
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मार्जिन कॉल्स से बचें
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अच्छे फंडामेंटल वाले स्टॉक्स पर नज़र रखें
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एक्सपर्ट की सलाह लें
निष्कर्ष
सेंसेक्स की 3000 अंकों की गिरावट भारतीय शेयर बाजार के लिए एक बड़ा झटका साबित हुई है। निवेशकों के लिए यह समय धैर्य और समझदारी से फैसले लेने का है। बाजार में अनिश्चितता जरूर है, लेकिन हर गिरावट अपने साथ एक नया अवसर भी लेकर आती है। इसलिए विशेषज्ञों की सलाह के अनुसार ही कोई भी निर्णय लेना बेहतर होगा।
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