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तिब्बत से दिल्ली-बिहार तक 17 घंटे में 10 भूकंप: क्या बड़े खतरे का संकेत?

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पिछले 17 घंटों में तिब्बत से लेकर दिल्ली और बिहार तक 10 भूकंप के झटकों ने लोगों को चिंता में डाल दिया है। लगातार झटकों से लोग सहमे हुए हैं और सवाल उठा रहे हैं कि आखिर धरती के नीचे ऐसा क्या हो रहा है?

कहां-कहां आए भूकंप?

  • तिब्बत: सबसे पहले भूकंप तिब्बत में आया, जिसकी तीव्रता 3.5 मापी गई। इसके बाद यहाँ 4.0, 4.2 और 4.5 तीव्रता के और झटके महसूस किए गए।
  • दिल्ली-एनसीआर: सुबह 5:36 बजे 4.0 तीव्रता का भूकंप महसूस हुआ, जिसका केंद्र धौला कुआं के पास था।
  • बिहार (सीवान): सुबह 8:02 बजे 4.0 तीव्रता का झटका दर्ज किया गया।
  • बांग्लादेश: इसी अवधि में 3.5 तीव्रता का भूकंप आया।

आखिर ये भूकंप क्यों आ रहे हैं?

भूकंप पृथ्वी की टेक्टोनिक प्लेटों की गतिशीलता के कारण होते हैं। जब ये प्लेटें आपस में टकराती हैं, रगड़ती हैं, या एक-दूसरे के नीचे खिसकती हैं, तो तनाव उत्पन्न होता है। जब यह तनाव एक सीमा से अधिक हो जाता है, तो चट्टानें टूटती हैं और ऊर्जा मुक्त होती है, जिससे भूकंप आता है।

भारत और उसके पड़ोसी क्षेत्रों में भूकंप क्यों आते हैं?

भारत और उसके पड़ोसी क्षेत्र टेक्टोनिक प्लेटों के मिलन बिंदु पर स्थित हैं:

  • भारतीय प्लेट और यूरेशियन प्लेट: ये प्लेटें हिमालय क्षेत्र में टकराती हैं, जिससे यहाँ लगातार भूकंपीय गतिविधियाँ होती हैं।
  • हिमालय क्षेत्र: दिल्ली-एनसीआर और बिहार हिमालय के निकट हैं, जो भारतीय और यूरेशियन प्लेटों के टकराव का क्षेत्र है।
  • तिब्बत: यह क्षेत्र भी यूरेशियन प्लेट के निकट है, जिससे यहाँ भूकंप आना सामान्य है।

क्या ये बड़े भूकंप का संकेत हैं?

लगातार भूकंप कई बार बड़े भूकंप (मेगाथ्रस्ट) के पूर्व संकेत हो सकते हैं, लेकिन यह निश्चित रूप से नहीं कहा जा सकता। भूकंप वैज्ञानिकों के अनुसार:

  • यह प्लेटों में तनाव के बढ़ने या घटने का संकेत हो सकता है।
  • कभी-कभी यह प्लेटों के संतुलन में बदलाव का परिणाम होता है।
  • हालांकि, इसका मतलब यह नहीं कि बड़ा भूकंप निश्चित है, लेकिन सतर्कता आवश्यक है।

क्या करना चाहिए?

  1. सतर्क रहें: लगातार भूकंपों को हल्के में न लें।
  2. भूकंप-रोधी निर्माण: विशेष रूप से भूकंप संभावित क्षेत्रों में मजबूत निर्माण सामग्री का उपयोग करें।
  3. आपातकालीन किट तैयार रखें: पानी, खाद्य सामग्री, प्राथमिक चिकित्सा किट, टॉर्च, और जरूरी दवाइयाँ हमेशा तैयार रखें।
  4. भूकंप के दौरान सुरक्षा: टेबल या मजबूत फर्नीचर के नीचे छिपें, खिड़कियों से दूर रहें, और खुले स्थान पर जाने की कोशिश करें।

निष्कर्ष

तिब्बत से लेकर दिल्ली-बिहार तक 17 घंटे में 10 भूकंप आना निश्चित रूप से असामान्य घटना है। हालांकि, इसका मतलब यह नहीं है कि बड़ा भूकंप आएगा, लेकिन सतर्कता और सुरक्षा उपायों का पालन करना आवश्यक है। वैज्ञानिक स्थिति पर नज़र बनाए हुए हैं, और समय-समय पर अपडेट दिए जा रहे हैं।

भूकंप के बारे में और जानकारी के लिए, आप संबंधित समाचार चैनलों और भूकंप विज्ञान केंद्रों की वेबसाइट पर नज़र रख सकते हैं।

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