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राजस्थान में नकली सोने के गहनों का घोटाला: जयपुर-जोधपुर में कैसे हो रही थी फर्जी हॉलमार्किंग?

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राजस्थान, खासकर जयपुर और जोधपुर, अपनी खूबसूरत और अनोखी ज्वेलरी के लिए दुनियाभर में मशहूर हैं। यहां की आभूषण कारीगरी की अलग पहचान है, लेकिन हाल ही में इन शहरों में एक बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है। कुछ ठग पीतल और अन्य धातुओं से बने नकली गहनों को असली सोने की तरह दिखाने के लिए 22 कैरेट का हॉलमार्क लगा रहे थे। इस घोटाले का पर्दाफाश भास्कर कैमरे पर हुआ, जिसमें इस धोखाधड़ी की पूरी सच्चाई सामने आई।

यह मामला न केवल आम ग्राहकों के विश्वास के साथ खिलवाड़ है, बल्कि भारत की हॉलमार्किंग प्रणाली पर भी सवाल उठाता है। इस घोटाले की पूरी कहानी, इसके पीछे की चालाकी और प्रशासन की कार्रवाई पर विस्तार से चर्चा करते हैं।

कैसे हुआ इस फर्जीवाड़े का खुलासा?

जयपुर और जोधपुर में कुछ ग्राहकों ने संदेह जताया कि उनके खरीदे गए सोने के गहनों की गुणवत्ता ठीक नहीं थी। जब इन गहनों की असलियत जांची गई, तो पता चला कि ये महज पीतल और अन्य सस्ती धातुओं से बने थे। हालांकि, उन पर 22 कैरेट का हॉलमार्क लगा था, जिससे वे असली सोना प्रतीत होते थे।

भास्कर के पत्रकारों ने इस मामले की तहकीकात करने के लिए एक स्टिंग ऑपरेशन किया और इस धोखाधड़ी की पोल खोल दी। कई ज्वेलरी दुकानों और निर्माताओं से बातचीत के दौरान यह सामने आया कि कुछ लोग नकली गहनों को असली दिखाने के लिए नकली हॉलमार्किंग कर रहे थे।

कैसे किया जा रहा था फर्जीवाड़ा?

  1. पीतल और अन्य धातुओं का इस्तेमाल: नकली गहनों को पीतल, तांबा और अन्य धातुओं से बनाया जा रहा था। ये गहने देखने में असली सोने जैसे लगते थे।
  2. सोने की पतली परत चढ़ाना: इन नकली गहनों पर हल्की सोने की परत चढ़ाई जाती थी, जिससे वे चमकदार और असली दिखें।
  3. फर्जी हॉलमार्क लगाना: गहनों पर 22 कैरेट का हॉलमार्क लगाया जाता था, जिससे ग्राहकों को धोखा दिया जा सके।
  4. कम कीमत में सोने के गहने बेचने का लालच: इन नकली गहनों को बाजार में असली सोने की तुलना में थोड़ी कम कीमत पर बेचा जाता था, जिससे ग्राहक जल्दी से झांसे में आ जाएं।
  5. स्थानीय और ऑनलाइन मार्केटिंग: इस तरह के गहने सिर्फ स्थानीय दुकानों तक ही सीमित नहीं थे, बल्कि ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर भी बेचे जा रहे थे।

इस घोटाले का असर

1. ग्राहकों का विश्वास टूटा

यह धोखाधड़ी सामने आने के बाद ग्राहकों का भरोसा टूट गया है। आमतौर पर लोग ज्वेलरी खरीदते समय हॉलमार्क पर भरोसा करते हैं, लेकिन अब इस पर भी सवाल उठने लगे हैं।

2. ज्वेलरी उद्योग पर असर

जयपुर और जोधपुर का ज्वेलरी उद्योग इस घटना के बाद सवालों के घेरे में आ गया है। इन शहरों की पहचान और साख को गहरा धक्का लगा है। अगर इस तरह की घटनाएं बढ़ती हैं, तो इसका असर ज्वेलरी निर्यात पर भी हो सकता है।

3. सरकारी सिस्टम की विफलता उजागर हुई

भारत सरकार ने 22 कैरेट और 24 कैरेट सोने के हॉलमार्किंग को अनिवार्य किया है, लेकिन इस घोटाले ने दिखाया कि यह प्रणाली कितनी असुरक्षित है। नकली हॉलमार्किंग इतनी आसानी से हो रही थी कि असली और नकली में फर्क करना मुश्किल हो गया।

प्रशासन की कार्रवाई

इस फर्जीवाड़े के सामने आने के बाद प्रशासन ने कुछ कदम उठाए:

  • कई संदिग्ध ज्वेलरी दुकानों और मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स पर छापेमारी की गई।
  • फर्जी हॉलमार्किंग में शामिल लोगों की पहचान कर उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा रही है।
  • भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) ने जांच शुरू कर दी है और हॉलमार्किंग प्रणाली को और सख्त करने की योजना बनाई जा रही है।

कैसे बचें नकली सोने के गहनों से?

अगर आप ज्वेलरी खरीदने जा रहे हैं, तो इन बातों का ध्यान रखें:

  1. बीआईएस हॉलमार्क को वेरिफाई करें
  • BIS के आधिकारिक ऐप या वेबसाइट के जरिए हॉलमार्क नंबर को वेरिफाई करें।
  • असली हॉलमार्क में BIS का लोगो, कैरेटेज नंबर और ज्वेलर का कोड होता है।
  1. ट्रस्टेड ज्वेलरी ब्रांड से खरीदें
  • अनजान दुकानों या ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से गहने खरीदने से बचें।
  • हमेशा प्रतिष्ठित और प्रमाणित ज्वेलरी स्टोर्स से ही खरीदारी करें।
  1. गोल्ड टेस्टिंग करवाएं
  • ज्वेलरी खरीदने के बाद किसी अन्य ज्वेलरी स्टोर पर उसकी शुद्धता की जांच करवाएं।
  • हॉलमार्क स्टैम्प होने के बावजूद गहने की गुणवत्ता परखना जरूरी है।
  1. बिल और सर्टिफिकेट जरूर लें
  • खरीदारी करते समय हमेशा प्रॉपर बिल और हॉलमार्किंग सर्टिफिकेट लें, जिससे किसी भी गड़बड़ी की स्थिति में शिकायत की जा सके।

क्या इस घोटाले का असर पूरे भारत पर पड़ेगा?

इस खुलासे ने पूरे देश के ज्वेलरी सेक्टर में हलचल मचा दी है। यह सिर्फ राजस्थान तक सीमित नहीं है, बल्कि देश के अन्य हिस्सों में भी इस तरह की फर्जीवाड़े की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। अगर समय रहते इस पर सख्त कार्रवाई नहीं की गई, तो भारत के सोने और ज्वेलरी उद्योग पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।

निष्कर्ष

जयपुर और जोधपुर में नकली सोने के गहनों के इस बड़े घोटाले ने आम जनता और सरकार को सचेत कर दिया है। इस घटना से साफ हो गया है कि हॉलमार्किंग प्रणाली को और अधिक पारदर्शी और मजबूत बनाने की जरूरत है।

सरकार और प्रशासन को इस मामले में कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए ताकि ज्वेलरी सेक्टर की साख बनी रहे और ग्राहकों को उनके पैसों की सही कीमत मिले। वहीं, ग्राहकों को भी सावधान रहने और किसी भी गहने को खरीदने से पहले उसकी पूरी जांच करने की जरूरत है।

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