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पंजाब में किसानों और व्यापारियों के बीच तकरार: भगवंत मान सरकार के रुख में बड़ा बदलाव क्यों?
- Reporter 12
- 20 Mar, 2025
पंजाब की राजनीति में हाल ही में एक महत्वपूर्ण मोड़ देखने को मिला, जहां मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व वाली सरकार ने किसानों के साथ अपने संबंधों में अप्रत्याशित परिवर्तन किया है। यह परिवर्तन न केवल राज्य की कृषि नीति पर प्रभाव डाल रहा है, बल्कि व्यापार समुदाय के साथ सरकार के संबंधों को भी पुनर्परिभाषित कर रहा है।
किसानों के साथ टकराव: बैठक में तनाव
मार्च 2025 की शुरुआत में, पंजाब सरकार और संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के नेताओं के बीच एक बैठक आयोजित की गई थी, जिसका उद्देश्य किसानों की मांगों पर चर्चा करना था। हालांकि, यह बैठक बीच में ही टूट गई, जब मुख्यमंत्री मान नाराज होकर बैठक से चले गए। एसकेएम नेताओं ने मान के इस व्यवहार की आलोचना की और कहा कि एक मुख्यमंत्री के लिए इस तरह का व्यवहार 'शोभा नहीं देता'。
व्यापार समुदाय के प्रति सरकार का रुख
मुख्यमंत्री मान ने किसानों से अपील की कि वे ऐसे तरीके न अपनाएं जो समाज में मतभेद पैदा करते हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार किसानों के साथ है, लेकिन उनकी मांगों का संबंध केंद्र सरकार से है। मान ने यह भी कहा कि व्यापारी और उद्योगपति इस बात से दुखी हैं कि (पंजाब में) लगातार सड़क एवं रेल यातायात को बंद किए जाने के कारण उनका कारोबार बर्बाद हो गया है।
राजनीतिक दृष्टिकोण: आप सरकार का यू-टर्न
यह स्थिति इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि आम आदमी पार्टी (आप) ने किसानों के समर्थन से ही पंजाब में सत्ता हासिल की थी। पार्टी ने केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन का समर्थन किया था। हालांकि, अब वही पार्टी राज्य में किसानों के विरोध प्रदर्शनों के प्रति सख्त रुख अपना रही है, जो एक स्पष्ट यू-टर्न के रूप में देखा जा रहा है।
निष्कर्ष
पंजाब सरकार का यह नीतिगत परिवर्तन राज्य की राजनीति और समाज पर गहरा प्रभाव डाल सकता है। किसानों के साथ टकराव और व्यापार समुदाय के प्रति समर्थन का यह नया रुख आगामी चुनावों और राज्य की आर्थिक स्थिति को प्रभावित कर सकता है। आने वाले समय में यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि सरकार इन चुनौतियों का सामना कैसे करती है और किस प्रकार से सभी हितधारकों के बीच संतुलन स्थापित करती है।
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