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गुजरात में एक टीचर के 'एक्सपेरिमेंट' ने कैसे ले ली 3 लोगों की जान, देखें

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गुजरात के खेड़ा जिले के नडियाद शहर में 9 फरवरी 2025 को तीन व्यक्तियों की रहस्यमयी मौत ने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी थी। इन मौतों के पीछे की कहानी एक सरकारी शिक्षक के आत्महत्या के भयावह प्रयोग से जुड़ी है, जिसने तीन निर्दोष लोगों की जान ले ली।

घटना का विवरण:

नडियाद के जवाहरनगर इलाके में 9 फरवरी की शाम को कनुभाई धनाभाई चौहान (54), योगेश गंगाराम कुशवाह (40) और रविंद्रभाई जीनाभाई राठौड़ (49) की अचानक मृत्यु हो गई। प्रारंभिक जांच में यह संदेह हुआ कि जीरा सोडा में नशीला पदार्थ मिलाया गया था, लेकिन फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (FSL) रिपोर्ट में मिथाइल अल्कोहल की गैर-मौजूदगी से यह थ्योरी खारिज हो गई।

शिक्षक की साजिश:

पुलिस जांच के दौरान मृतक कनुभाई के पड़ोसी और सरकारी शिक्षक हरिकिशन मकवाना (44) पर शक गहराया। हरिकिशन ने पूछताछ में कबूल किया कि वह कानूनी परेशानियों और पारिवारिक समस्याओं से जूझ रहा था, जिससे वह आत्महत्या करना चाहता था। लेकिन अपनी बीमा पॉलिसी की राशि परिवार को सुनिश्चित करने के लिए, उसने अपनी मौत को दुर्घटना या हत्या के रूप में प्रस्तुत करने की योजना बनाई।

मौत का प्रयोग:

हरिकिशन ने ऑनलाइन सोडियम नाइट्राइट मंगवाया और अपने मूक-बधिर पड़ोसी कनुभाई पर इसका परीक्षण करने का निर्णय लिया, ताकि यदि वह बच भी जाए तो कुछ बता न सके। 9 फरवरी को उसने जीरा सोडा की बोतल में सोडियम नाइट्राइट मिलाकर कनुभाई को दिया। कनुभाई ने इसे अपने दोस्तों योगेश और रविंद्र के साथ साझा किया। तीनों ने इसे पीने के बाद कुछ ही देर में दम तोड़ दिया।

पुलिस जांच और गिरफ्तारी:

FSL रिपोर्ट में सोडियम नाइट्राइट की मौजूदगी पाई गई, जिससे पुलिस को हरिकिशन पर शक हुआ। पूछताछ में उसने अपना अपराध स्वीकार कर लिया और बताया कि वह अपनी आत्महत्या को दुर्घटना या हत्या के रूप में प्रस्तुत करना चाहता था, ताकि उसके परिवार को 25 लाख रुपये की बीमा राशि मिल सके।

निष्कर्ष:

यह घटना इस बात का उदाहरण है कि कैसे एक व्यक्ति की विकृत सोच और आत्महत्या की योजना ने तीन निर्दोष लोगों की जान ले ली। यह हमें यह भी सिखाती है कि मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं को गंभीरता से लिया जाना चाहिए और समय रहते उचित सहायता और परामर्श प्रदान किया जाना चाहिए, ताकि इस तरह की त्रासदियों से बचा जा सके।

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