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धार्मिक ग्रंथ: सनातन धर्म के प्रमुख ग्रंथों का महत्व और उनका संदेश
- Repoter 11
- 11 Feb, 2025
भारत की संस्कृति और परंपराओं में धार्मिक ग्रंथों का विशेष स्थान है। सनातन धर्म के ये ग्रंथ न केवल आध्यात्मिक मार्गदर्शन देते हैं, बल्कि जीवन के हर पहलू को सुचारू रूप से संचालित करने की शिक्षा भी प्रदान करते हैं। वेद, उपनिषद, पुराण, रामायण, महाभारत और भगवद गीता जैसे पवित्र ग्रंथ अनादि काल से मानव समाज के लिए प्रेरणास्रोत रहे हैं।
प्रमुख धार्मिक ग्रंथ और उनका महत्व
1. वेद – सनातन धर्म के आधार स्तंभ
वेदों को हिंदू धर्म का सर्वोच्च ज्ञान स्रोत माना जाता है। ये चार भागों में विभाजित हैं:
ऋग्वेद – सबसे प्राचीन ग्रंथ, जिसमें देवताओं की स्तुति और ब्रह्मांड के रहस्यों का वर्णन है।
यजुर्वेद – यज्ञ और अनुष्ठानों की विधि बताने वाला ग्रंथ।
सामवेद – संगीत और भजन पर आधारित वेद।
अथर्ववेद – स्वास्थ्य, चिकित्सा, तंत्र-मंत्र और जीवन प्रबंधन से संबंधित ज्ञान।
2. उपनिषद – आध्यात्मिक ज्ञान का खजाना
उपनिषदों को वेदांत का हिस्सा माना जाता है, जो आत्मा, ब्रह्मांड और मोक्ष के गूढ़ रहस्यों को उजागर करते हैं। इनमें 'अहं ब्रह्मास्मि' और 'तत त्वम् असि' जैसे गूढ़ वाक्य आत्मज्ञान की प्रेरणा देते हैं।
3. रामायण – मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम की गाथा
महर्षि वाल्मीकि द्वारा रचित रामायण भगवान श्रीराम के जीवन पर आधारित है, जिसमें आदर्श जीवन, धर्म, कर्तव्य और मर्यादा का संदेश दिया गया है। तुलसीदास कृत रामचरितमानस भी इसी कथा का लोकप्रिय संस्करण है।
4. महाभारत – धर्म और अधर्म का सबसे बड़ा युद्ध
महर्षि व्यास द्वारा रचित महाभारत विश्व का सबसे बड़ा महाकाव्य है। इसमें कुरुक्षेत्र युद्ध, कौरव-पांडव संघर्ष और धर्म-अधर्म की गूढ़ बातें समाहित हैं।
5. भगवद गीता – जीवन का मार्गदर्शन
भगवान श्रीकृष्ण द्वारा अर्जुन को दिया गया दिव्य ज्ञान भगवद गीता के रूप में विश्व प्रसिद्ध है। इसमें कर्म, भक्ति और ज्ञान योग का अद्भुत समन्वय है, जो जीवन के हर संकट में मार्गदर्शन करता है।
6. पुराण – भक्ति और उपदेश का संगम
18 महापुराणों में ब्रह्मा, विष्णु और महेश की लीलाओं, भक्तों की कथाओं और सृष्टि निर्माण से जुड़े रहस्यों का वर्णन किया गया है। इनमें भागवत पुराण, विष्णु पुराण, शिव पुराण, और स्कंद पुराण प्रमुख हैं।
धार्मिक ग्रंथों का वर्तमान युग में महत्व
मानवीय मूल्यों की शिक्षा – सत्य, अहिंसा, दया, क्षमा और धर्म का पालन करना सिखाते हैं।
आध्यात्मिक उन्नति – आत्मज्ञान और मोक्ष प्राप्ति का मार्ग दिखाते हैं।
संतुलित जीवन जीने की प्रेरणा – कर्म, धर्म और मोक्ष के बीच संतुलन स्थापित करने में मदद करते हैं।
वैज्ञानिक दृष्टिकोण – वेदों और उपनिषदों में ब्रह्मांड, चिकित्सा, गणित और खगोल विज्ञान की गहरी जानकारी मिलती है।
निष्कर्ष
धार्मिक ग्रंथ केवल पूजा-पाठ तक सीमित नहीं हैं, बल्कि वे जीवन को सार्थक और संतुलित बनाने के लिए मार्गदर्शन प्रदान करते हैं। इनके अध्ययन और पालन से मानव समाज उन्नति के पथ पर अग्रसर हो सकता है।
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