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सूर्य ग्रहण 2025: तिथि, समय और सूतक काल की जानकारी
- Reporter 12
- 28 Mar, 2025
सूर्य ग्रहण एक महत्वपूर्ण खगोलीय घटना है, जिसका धार्मिक और ज्योतिषीय दृष्टिकोण से विशेष महत्व है। साल 2025 का पहला सूर्य ग्रहण 29 मार्च को लगने जा रहा है। इस लेख में हम इस सूर्य ग्रहण की तिथि, समय, भारत में इसकी दृश्यता और सूतक काल की मान्यता के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे।
सूर्य ग्रहण की तिथि और समय
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तारीख: 29 मार्च 2025, शनिवार
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समय: भारतीय समयानुसार दोपहर 2:21 बजे से शाम 6:14 बजे तक
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कुल अवधि: लगभग 3 घंटे 53 मिनट
यह सूर्य ग्रहण चैत्र मास की अमावस्या तिथि पर लगेगा, जो हिंदू पंचांग में विशेष महत्व रखती है।
भारत में सूर्य ग्रहण की दृश्यता
यह सूर्य ग्रहण आंशिक होगा और मुख्य रूप से दक्षिण अमेरिका, उत्तरी अमेरिका, उत्तरी एशिया, उत्तर-पश्चिम अफ्रीका, यूरोप, उत्तरी ध्रुव, आर्कटिक महासागर और अटलांटिक महासागर में दिखाई देगा। हालांकि, भारत में यह सूर्य ग्रहण दृश्यमान नहीं होगा।
सूतक काल की मान्यता
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सूर्य ग्रहण के दौरान सूतक काल लगता है, जिसमें शुभ कार्यों को करने से बचना चाहिए। सूतक काल ग्रहण लगने से 12 घंटे पहले शुरू होता है। चूंकि यह सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा, इसलिए यहां सूतक काल मान्य नहीं होगा।
सूर्य ग्रहण के दौरान क्या करें और क्या न करें
हालांकि भारत में इस सूर्य ग्रहण का सूतक काल प्रभावी नहीं होगा, लेकिन सामान्यतः ग्रहण के दौरान निम्नलिखित बातों का ध्यान रखा जाता है: क्या करें:
हालांकि भारत में इस सूर्य ग्रहण का सूतक काल प्रभावी नहीं होगा, लेकिन सामान्यतः ग्रहण के दौरान निम्नलिखित बातों का ध्यान रखा जाता है: क्या करें:
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ग्रहण समाप्ति के बाद स्नान करें और घर तथा पूजा स्थल को गंगाजल से शुद्ध करें।
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दान-पुण्य करें, विशेषकर जरूरतमंदों को भोजन और वस्त्र दान करें।
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क्या न करें:
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ग्रहण के दौरान भोजन, पानी और नींद से बचें।
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गर्भवती महिलाओं को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए और घर के अंदर रहना चाहिए।
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देवी-देवताओं की मूर्तियों को न छूएं और पूजा-पाठ से बचें।
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इन नियमों का पालन करना धार्मिक मान्यताओं पर निर्भर करता है और व्यक्ति की आस्था के अनुसार होता है।
सूर्य ग्रहण का खगोलीय महत्व
सूर्य ग्रहण तब होता है जब चंद्रमा, सूर्य और पृथ्वी के बीच आ जाता है, जिससे सूर्य का प्रकाश पृथ्वी तक पूरी तरह या आंशिक रूप से नहीं पहुंच पाता। यह खगोलीय घटना वैज्ञानिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है और खगोलविदों को सौर मंडल के अध्ययन में मदद करती है।
निष्कर्ष
29 मार्च 2025 को लगने वाला सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा, इसलिए यहां सूतक काल मान्य नहीं होगा। हालांकि, खगोलीय दृष्टि से यह एक महत्वपूर्ण घटना है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, ग्रहण के दौरान और बाद में कुछ सावधानियों का पालन करना उचित माना जाता है। अतः, इस विषय में अपनी आस्था और विश्वास के अनुसार निर्णय लें।
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