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दिल्ली पुलिस की बड़ी कार्रवाई: जस्टिस यशवंत वर्मा के आवास पर छापा, अधजले नोट मिलने वाला क्षेत्र सील

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दिल्ली हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा के आवास पर अधजले नोटों की बरामदगी के मामले में दिल्ली पुलिस की टीम ने संबंधित क्षेत्र को सील कर दिया है। यह कार्रवाई 26 मार्च 2025 को हुई, जब पुलिस अधिकारियों ने न्यायमूर्ति वर्मा के लुटियंस दिल्ली स्थित आवास पर छापा मारा और उस स्टोर रूम को सील किया, जहां अधजले नोट पाए गए थे।

घटना की पृष्ठभूमि

14 मार्च की रात न्यायमूर्ति वर्मा के आवास पर आग लगने की सूचना मिली थी। आग बुझाने के बाद, स्टोर रूम में 500-500 रुपये के अधजले नोटों के बंडल बरामद हुए। इस घटना ने न्यायपालिका की निष्पक्षता और पारदर्शिता पर सवाल खड़े कर दिए, जिससे उच्चतम न्यायालय ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच के आदेश दिए।

पुलिस की कार्रवाई

दिल्ली पुलिस की टीम, नई दिल्ली के डीसीपी देवेश कुमार महला के नेतृत्व में, 26 मार्च को न्यायमूर्ति वर्मा के आवास पर पहुंची। उन्होंने घटनास्थल का निरीक्षण किया और अधजले नोटों वाले क्षेत्र को सील कर दिया। इस दौरान, दिल्ली हाईकोर्ट के अधिकारी भी मौजूद थे, जिन्होंने पूरी कार्रवाई की वीडियोग्राफी की।

उच्चतम न्यायालय की प्रतिक्रिया

उच्चतम न्यायालय ने इस मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति का गठन किया है, जिसमें वरिष्ठ न्यायाधीश शामिल हैं। समिति को निर्देश दिया गया है कि वह मामले की निष्पक्ष जांच करे और अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करे। इसके अलावा, न्यायालय ने याचिकाकर्ताओं को सार्वजनिक बयान देने से बचने की सलाह दी है, ताकि न्यायिक प्रक्रिया प्रभावित न हो।

न्यायमूर्ति वर्मा का पक्ष

न्यायमूर्ति वर्मा ने इस मामले में किसी भी गलत काम से इनकार किया है और कहा है कि वह कानूनी सलाह ले रहे हैं। उन्होंने दावा किया है कि यह उनके खिलाफ एक षड्यंत्र हो सकता है और उन्होंने मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है।

बार एसोसिएशन की प्रतिक्रिया

दिल्ली हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष मोहित माथुर ने कहा है कि न्यायमूर्ति वर्मा के खिलाफ लगाए गए आरोप गंभीर हैं, लेकिन किसी निष्कर्ष पर पहुंचना जल्दबाजी होगी। उन्होंने कहा कि बार एसोसिएशन मामले की निष्पक्ष जांच का समर्थन करता है और न्यायपालिका की स्वतंत्रता और निष्पक्षता में विश्वास रखता है।

आगे की कार्रवाई

दिल्ली पुलिस और उच्चतम न्यायालय की समिति मामले की जांच कर रही हैं। जांच के निष्कर्षों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। इस बीच, न्यायपालिका और विधायिका के बीच संतुलन बनाए रखने की आवश्यकता पर जोर दिया जा रहा है, ताकि न्यायिक प्रक्रिया की निष्पक्षता बनी रहे।

निष्कर्ष

न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा के आवास पर अधजले नोटों की बरामदगी का मामला न्यायपालिका की निष्पक्षता और पारदर्शिता पर गंभीर सवाल खड़े करता है। इस मामले की निष्पक्ष और गहन जांच आवश्यक है, ताकि सच्चाई सामने आ सके और न्यायपालिका की प्रतिष्ठा बनी रहे।

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