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सुनीता विलियम्स की ऐतिहासिक वापसी: अंतरिक्ष से धरती तक का सफर, समंदर में होगी लैंडिंग

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भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और उनके साथी बुच विल्मोर लंबे समय के बाद आज अंतरिक्ष से धरती पर लौट रहे हैं। उनकी वापसी स्पेसएक्स के ड्रैगन कैप्सूल-4 के जरिए होगी, जो इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) से अलग होकर पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश करेगा और मेक्सिको की खाड़ी में लैंड करेगा। यह मिशन विज्ञान और अंतरिक्ष अन्वेषण के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक उपलब्धि है, जिसे पूरी दुनिया लाइव देख रही है।

कैसे होगी सुनीता विलियम्स की वापसी?

सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर को अंतरिक्ष से वापस लाने की पूरी प्रक्रिया को चार चरणों में विभाजित किया गया है:

  1. हैच बंद (Hatch Close):
    • भारतीय समयानुसार 18 मार्च की सुबह 8:15 बजे कैप्सूल का हैच बंद कर दिया गया।
  2. अनडॉकिंग (Undocking):
    • सुबह 10:35 बजे, कैप्सूल इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) से अलग हुआ।
  3. डी-ऑर्बिट बर्न (Deorbit Burn):
    • 19 मार्च की सुबह 2:41 बजे, कैप्सूल पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश करेगा।
  4. स्प्लैशडाउन (Splashdown):
    • सुबह 3:27 बजे, कैप्सूल समुद्र में लैंड करेगा।

18 हजार फीट पर खुलेंगे पैराशूट

कैप्सूल जब पृथ्वी के वातावरण में प्रवेश करेगा, तो तेज़ घर्षण और गर्मी के कारण बाहरी तापमान 1600°C तक पहुंच जाएगा। इस दौरान, कैप्सूल की सुरक्षा के लिए हीट शील्ड का उपयोग किया जाएगा।

  • जब कैप्सूल 18,000 फीट (लगभग 5.5 किमी) की ऊंचाई पर पहुंचेगा, तो इसका पहला पैराशूट खुलेगा।
  • इसके बाद, गति को और कम करने के लिए मुख्य पैराशूट एक्टिव होगा, जिससे कैप्सूल धीमी गति से समंदर में उतर सके।
  • स्प्लैशडाउन के बाद, रिकवरी टीम हेलिकॉप्टर और बोट्स की मदद से कैप्सूल को बाहर निकालेगी।

सुनीता विलियम्स की हेल्थ और रिकवरी प्रोटोकॉल

अंतरिक्ष में लगभग 9 महीने बिताने के बाद, किसी भी अंतरिक्ष यात्री के शरीर में बदलाव देखने को मिलते हैं, जैसे कि:

  • मांसपेशियों की कमजोरी
  • हड्डियों का घनत्व कम होना
  • ब्लड प्रेशर और संतुलन की समस्या

इन कारणों से, जैसे ही सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर पृथ्वी पर उतरेंगे, उन्हें तुरंत मेडिकल ऑब्जरवेशन में रखा जाएगा।

  • दोनों को स्ट्रेचर पर ले जाया जाएगा, ताकि शरीर को आराम दिया जा सके।
  • विशेषज्ञ उनकी हार्ट रेट, ब्लड प्रेशर, और न्यूरोलॉजिकल रिस्पॉन्स को चेक करेंगे।
  • कुछ हफ्तों तक उन्हें स्पेशल फिजियोथेरेपी दी जाएगी ताकि शरीर सामान्य स्थिति में आ सके।

स्पेसक्राफ्ट में देरी और मिशन की चुनौतियां

सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर को मूल रूप से 8-दिवसीय मिशन पर भेजा गया था, लेकिन तकनीकी समस्याओं के कारण उन्हें 9 महीने तक ISS में रहना पड़ा।

  • बोइंग स्टारलाइनर स्पेसक्राफ्ट में हीलियम रिसाव और प्रोपल्शन सिस्टम में खराबी आ गई थी।
  • इस कारण उनकी वापसी में कई महीनों की देरी हुई।
  • अब, स्पेसएक्स के ड्रैगन कैप्सूल-4 के माध्यम से उनकी सुरक्षित वापसी सुनिश्चित की जा रही है।

सुनीता विलियम्स: एक प्रेरणादायक यात्रा

सुनीता विलियम्स भारतीय मूल की एक मशहूर अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री हैं। उनका जन्म 19 सितंबर 1965 को अमेरिका में हुआ था, लेकिन उनके पिता डीपक पंड्या भारत के गुजरात से हैं।

  • सुनीता पहली बार 2006-07 में स्पेस मिशन पर गई थीं और वहां 195 दिन बिताए थे।
  • 2012 में, उन्होंने दूसरा मिशन किया और 127 दिन अंतरिक्ष में बिताए।
  • उनके नाम स्पेसवॉक में सबसे ज्यादा समय बिताने वाली महिला होने का रिकॉर्ड भी है।
  • अब, 2024-25 में, उन्होंने एक नया इतिहास रचते हुए तीसरा मिशन पूरा किया।

धरती वापसी का लाइव प्रसारण

नासा और स्पेसएक्स इस ऐतिहासिक मिशन को लाइव स्ट्रीम कर रहे हैं। दुनिया भर के लोग इसे NASA TV, SpaceX YouTube चैनल और अन्य प्लेटफॉर्म्स पर देख सकते हैं।

समय:
भारतीय समयानुसार 19 मार्च, सुबह 3:27 बजे
स्प्लैशडाउन 
लाइव स्ट्रीम: NASA TV, SpaceX YouTube

निष्कर्ष

सुनीता विलियम्स और उनके साथी बुच विल्मोर की यह वापसी अंतरिक्ष अन्वेषण के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक घटना है। उनके अनुभव और योगदान न केवल वैज्ञानिक अनुसंधान को आगे बढ़ाएंगे, बल्कि नई पीढ़ी को अंतरिक्ष विज्ञान में रुचि लेने के लिए भी प्रेरित करेंगे।

उनकी सफल वापसी से यह भी साबित होता है कि मानव अंतरिक्ष यात्रा अब और भी सुरक्षित और उन्नत हो रही है। हमें गर्व है कि सुनीता विलियम्स जैसी भारतीय मूल की महिला दुनिया में अंतरिक्ष अनुसंधान को नई ऊंचाइयों पर ले जा रही हैं!

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