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ब्लैक मंडे' की आहट से हिला भारतीय बाजार: जिम क्रैमर की चेतावनी के बाद भारी गिरावट, निवेशक सतर्क

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7 अप्रैल 2025, सोमवार – अमेरिकी मार्केट एक्सपर्ट जिम क्रैमर की चेतावनी के बाद भारतीय शेयर बाजार में सोमवार को भारी गिरावट देखने को मिली। सुबह बाजार खुलते ही निवेशकों में घबराहट दिखी और बिकवाली का माहौल बन गया। सेंसेक्स और निफ्टी दोनों में तेज गिरावट आई, जिससे निवेशकों को हजारों करोड़ का नुकसान उठाना पड़ा।

क्या कहा था जिम क्रैमर ने?

CNBC के जाने-माने विश्लेषक और टीवी होस्ट जिम क्रैमर ने शुक्रवार को कहा था कि "ब्लैक मंडे" वापस आ सकता है, यानी सोमवार को शेयर बाजारों में भारी गिरावट हो सकती है। उन्होंने अमेरिकी फेडरल रिजर्व की ब्याज दर नीति, बढ़ती महंगाई और वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता को इसका प्रमुख कारण बताया।

क्रैमर ने कहा, “बाजार इस समय बेहद नाजुक दौर में है। अगर निवेशकों ने समय रहते सतर्कता नहीं दिखाई, तो सोमवार को बड़ा झटका लग सकता है।"

भारतीय बाजार में भारी गिरावट

सोमवार को जब भारतीय शेयर बाजार खुले, तो सेंसेक्स शुरुआती घंटे में ही 800 अंकों से ज्यादा गिर गया। वहीं, निफ्टी भी 240 अंकों की गिरावट के साथ खुला। मेटल, बैंकिंग, ऑटो और आईटी सेक्टर में सबसे ज्यादा दबाव देखने को मिला।

प्रमुख आंकड़े:

  • सेंसेक्स: 800 अंकों की गिरावट के साथ 72,100 के आसपास

  • निफ्टी: 240 अंकों की गिरावट के साथ 21,850 के पास

  • निफ्टी बैंक: 600 अंकों की गिरावट

  • टॉप लूजर्स: HDFC Bank, Tata Steel, Infosys, Maruti, Axis Bank

निवेशकों का भरोसा डगमगाया

रविवार रात से ही सोशल मीडिया और फाइनेंशियल कम्युनिटी में जिम क्रैमर के बयान को लेकर चर्चाएं तेज थीं। जैसे ही बाजार खुला, भारी बिकवाली शुरू हो गई। रिटेल निवेशकों से लेकर बड़े फंड हाउस तक ने अपनी पोजीशन्स घटाना शुरू कर दिया।

मार्केट एक्सपर्ट्स का कहना है कि अमेरिका से आने वाले संकेतों का भारत पर असर पड़ना तय था, लेकिन इतनी जल्दी और इतनी तीव्र प्रतिक्रिया ने सभी को चौंका दिया।

क्या शाम को US मार्केट और गिर सकता है?

अमेरिकी बाजार भारतीय समयानुसार शाम 7 बजे खुलते हैं। जिम क्रैमर की चेतावनी और अमेरिकी फ्यूचर्स मार्केट में गिरावट को देखते हुए विश्लेषकों को अंदेशा है कि US मार्केट भी लाल निशान में खुल सकता है।

Dow Jones, Nasdaq और S&P 500 तीनों इंडेक्स के प्री-ओपन आंकड़े निगेटिव ट्रेंड दिखा रहे हैं। यदि वहां भी बड़ी गिरावट होती है, तो इसका असर अगले दिन फिर से एशियाई और भारतीय बाजारों पर पड़ सकता है।

क्या निवेशकों को घबराने की जरूरत है?

बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे समय में घबराकर निवेश निकालना सही रणनीति नहीं होती। लॉन्ग टर्म निवेशकों को अपने पोर्टफोलियो का रिव्यू जरूर करना चाहिए, लेकिन भावनात्मक निर्णय लेने से बचना चाहिए।

ICICI Securities के विश्लेषक रजनीश शर्मा का कहना है, “बाजार में गिरावट नई बात नहीं है। हालांकि, यदि आप शॉर्ट टर्म में ट्रेड कर रहे हैं तो स्टॉप लॉस का उपयोग जरूर करें और जोखिम प्रबंधन पर ध्यान दें।”

किन बातों से बाजार में डर?

  1. फेड की संभावित सख्ती: अमेरिकी फेडरल रिजर्व ब्याज दरों में कटौती टाल सकता है, जिससे लिक्विडिटी पर असर पड़ेगा।

  2. भूराजनीतिक तनाव: मध्य-पूर्व और रूस-यूक्रेन संकट फिर गहरा सकता है।

  3. तेल की कीमतें: क्रूड ऑयल $90 के पार जा चुका है, जिससे महंगाई बढ़ सकती है।

  4. कॉरपोरेट अर्निंग: इस हफ्ते से अमेरिकी कंपनियों के तिमाही नतीजे आने शुरू होंगे, जो बाजार की दिशा तय करेंगे।

निष्कर्ष

जिम क्रैमर की चेतावनी ने दुनिया भर के निवेशकों को सतर्क कर दिया है। भारतीय बाजार पर इसका असर साफ नजर आया है। अब सबकी निगाहें शाम को खुलने वाले अमेरिकी बाजार पर टिकी हैं। यदि वहां भी बड़ी गिरावट होती है, तो आने वाले दिनों में और भी अस्थिरता देखने को मिल सकती है।

निवेशकों को सलाह दी जा रही है कि वे धैर्य रखें, पोर्टफोलियो में विविधता बनाए रखें और जल्दबाजी में फैसले न लें।

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